Saturday, January 21, 2012

कृपया ध्यान दें ......


कृपया ध्यान दें ......
पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक शहर है, बहराइच । बहराइच में हिन्दू समाज का सबसे मुख्य पूजा स्थल है गाजी बाबा की मजार। और आप ये जान कर हैरान हो जाएंगे कि मूर्ख हिंदू लाखों रूपये हर वर्ष इस पीर पर चढाते है।

इतिहास का थोडा सा भी जानकार हर व्यक्ति जानता है कि........ महमूद गजनवी के उत्तरी भारत को १७ बार लूटने व बर्बाद करने के कुछ समय बाद उसका भांजा "सलार गाजी" भारत को "दारूल इस्लाम बनाने के उद्देश्य" से भारत पर चढ़ आया । वह पंजाब ,सिंध, आज के उत्तर प्रदेश को रौंदता हुआ बहराइच तक जा पंहुचा। रास्ते में उसने लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम किया , लाखों हिंदू औरतों के बलात्कार हुए, हजारों मन्दिर तोड़ डाले।

राह में उसे एक भी ऐसा हिन्दू वीर नही मिला जो उसका मान मर्दन कर सके और इस्लाम की जेहाद की उस आंधी को रोक सके।

परंतु बहराइच के राजा "सुहेल देव पासी" ने उसको थामने का बीडा उठाया । वे अपनी सेना के साथ सलार गाजी के हत्याकांड को रोकने के लिए जा पहुंचे । महाराजा व हिन्दू वीरों ने सलार गाजी व उसकी दानवी सेना को मूली गाजर की तरह काट डाला । सलार गाजी मारा गया। उसकी भागती सेना के एक-एक हत्यारे को काट डाला गया। हिंदू ह्रदय राजा सुहेल देव पासी ने अपने धर्म का पालन करते हुए, सलार गाजी को इस्लाम के अनुसार कब्र में दफ़न करा दिया। कुछ समय पश्चात् तुगलक वंश के आने पर "फिरोज शाह तुगलक" ने सलार गाजी को इस्लाम का सच्चा सिपाही घोषित करते हुए उसकी मजार बनवा दी।

आज उसी हिन्दुओं के हत्यारे, हिंदू औरतों के बलात्कारी , मूर्ति भंजन दानव को हिंदू समाज एक देवता की तरह पूजता है। सलार गाजी हिन्दुओं का गाजी बाबा हो गया है जबकि हिंदू वीर शिरोमणि सुहेल देव पासी सिर्फ़ पासी समाज का हीरो बनकर रह गए हैं । वहीँ सलार गाजी हिन्दुओं का भगवान बनकर हिन्दू समाज का पूजनीय हो गया है।

अब........... उस गाजी के मजार को पूजने वाले ऐसे हिन्दुओं को मूर्ख और अहसानफरामोश न कहे तो और क्या कहे....???

जागो हिन्दुओं जागो... नहीं तो ऐसे ही हर जगह बेईज्ज़त होते रहोगे और अपने ही पूर्वजों के हत्यारे और बलात्कारियों को पूजते रहोगे....!

जय महाकाल...!!

                                                                                                                                                                                                kumar satish